इस निबन्ध में हम जानते हैं कि संगीत की वास्तव में हमारी जिंदगी में क्या अहमियत है, अर्चना शर्मा की प्रस्तुति ।
संगीत धरती पर माँ सरस्वती की अनुपम कृति है।संगीत का माधुर्य न केवल मानव को अपितु पृथ्वी के सभी जीवों और पदार्थ को भी अपने माधुर्य से आकृष्ट करता है।संगीत वह कला है जिसमें लय और स्वर के द्वारा भावों को प्रकट किया जाता है।
संगीत वह ललित कला है जो हमे खुश रखता है,मांसपेशियों को शांत रखता है।संगीत की मादकता हमे दिन भर आनंदित रहने का वातावरण देता है।संगीत एक निश्चत भैतिक प्रक्रिया है,जिस प्रकार प्रकृति और प्राणी जगत में प्रकाश का होना हमारे शरीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है उसी प्रकार संगीत वह प्रकाशीय ऊर्जा होती है जो पृथ्वी पर स्थित पदार्थों के विकास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।
संगीत भगवान द्वारा पृथ्वी पर वह उपहार है जो आत्मशांति का अपरिहार्य कारण है,जो हमें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बनाने में हमारी सहायता करता है।जैसे-जैसे मानव संगीत की स्वर लहरों में खोता चला जाता है,उसका ध्यान सब बातों से हट जाता है और वह नैसर्गिक दुनिया की राहत महसूस करने लगता है।
अर्चना शर्मा सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला मुड़पार
विकासखंड अकलतरा जिला जांजगीर चाम्पा छतीसगढ़
एम्. ए इंग्लिश . डी एड
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