डिज़िटल शिक्षा में आपका स्वागत है |
आज हम यहाँ पर आपको सर्विस manual अच्छे से क्लियर करेंगे |
देखिये बच्चों आपने पिछली कक्षाओं में या किसी इंडस्ट्रियल विजिट के दौरान सुना होगा कि owner मैन्युअल |
सबसे पहले हम जानते हैं कि owner manual(ओनर मैन्युअल) इसमें owner का अर्थ है मालिक और manual का अर्थ है स्वयं कार्य करने की निर्देशिका | आपने देखा होगा जब आप बाइक खरीदते हैं उसके साथ आपको एक पॉकेट साइज़ की एक डायरी मिलती है, जिसमें बाइक के बारे में ऐसी जानकारी होती है जिसकी आपको बार बार जरूरत पड़ सकती है जैसे कि - उसमें कितने लीटर का फ्यूल टैंक है, स्पार्क प्लग की स्पेसिफिकेशन क्या हैं, कितना इंजन आयल डलेगा, किस ग्रेड का इंजन आयल डालना है | ऐसी सभी बातें जो ग्राहक की सर्विस करवाने और अचानक से कोई समस्या आने से पहले उसे टिप्स दे जिससे उसे ब्रेकडाउन का सामना न करना पड़े | ये तो हुई ग्राहक की सहायता के लिए | ऐसे ही डीलरशिप में निर्माता अपने मैकेनिक की सहायता के लिए एक मैन्युअल उपलब्ध करवाता है जिसमें वाहन की कह सकते हैं बिलकुल गहराई में कुंडली ही होती है | उसे देखकर मैकेनिक किसी भी भाग को आसानी से खोल एवं फिट कर सकता है और स्पेयर पार्ट्स से उसका नया पार्ट भी जारी करवा सकता है क्योंकि वहां से उसे उस पार्ट का तकनीकी नाम भी पता लग जाता है |इसे हम सर्विस मैन्युअल या वर्कशॉप मैन्युअल कहते हैं | आईये इससे संबंधित जानकारी को पढ़ें |
Q.1. सर्विस मैन्युअल का निर्माण कौन करता है ?
Ans. इसका निर्माण manufacturer(निर्माता ) करता है |
Q.2. Service manual कौन-कौन से areas cover करती है ?
Ans.
आज हम यहाँ पर आपको सर्विस manual अच्छे से क्लियर करेंगे |
देखिये बच्चों आपने पिछली कक्षाओं में या किसी इंडस्ट्रियल विजिट के दौरान सुना होगा कि owner मैन्युअल |
सबसे पहले हम जानते हैं कि owner manual(ओनर मैन्युअल) इसमें owner का अर्थ है मालिक और manual का अर्थ है स्वयं कार्य करने की निर्देशिका | आपने देखा होगा जब आप बाइक खरीदते हैं उसके साथ आपको एक पॉकेट साइज़ की एक डायरी मिलती है, जिसमें बाइक के बारे में ऐसी जानकारी होती है जिसकी आपको बार बार जरूरत पड़ सकती है जैसे कि - उसमें कितने लीटर का फ्यूल टैंक है, स्पार्क प्लग की स्पेसिफिकेशन क्या हैं, कितना इंजन आयल डलेगा, किस ग्रेड का इंजन आयल डालना है | ऐसी सभी बातें जो ग्राहक की सर्विस करवाने और अचानक से कोई समस्या आने से पहले उसे टिप्स दे जिससे उसे ब्रेकडाउन का सामना न करना पड़े | ये तो हुई ग्राहक की सहायता के लिए | ऐसे ही डीलरशिप में निर्माता अपने मैकेनिक की सहायता के लिए एक मैन्युअल उपलब्ध करवाता है जिसमें वाहन की कह सकते हैं बिलकुल गहराई में कुंडली ही होती है | उसे देखकर मैकेनिक किसी भी भाग को आसानी से खोल एवं फिट कर सकता है और स्पेयर पार्ट्स से उसका नया पार्ट भी जारी करवा सकता है क्योंकि वहां से उसे उस पार्ट का तकनीकी नाम भी पता लग जाता है |इसे हम सर्विस मैन्युअल या वर्कशॉप मैन्युअल कहते हैं | आईये इससे संबंधित जानकारी को पढ़ें |
Q.1. सर्विस मैन्युअल का निर्माण कौन करता है ?
Ans. इसका निर्माण manufacturer(निर्माता ) करता है |
Q.2. Service manual कौन-कौन से areas cover करती है ?
Ans.
- हर यूनिट का या असेंबली का expanded (खुला हुआ ) view.
- Part नंबर के साथ part का नाम
- हर पार्ट की specification(स्पेसिफिकेशन) और assembly में उसकी tolerance
- Disassemble करने की sequence और सावधानियां
- Testing विधि और कार्यक्षमता (Efficiency)
- Maintenance Schedule
- भागों की replacement limit
- Troubleshooting chart
- विशेष औजारों का प्रयोग एवं उनका पार्ट नंबर
- Assembly के अलग-अलग स्थान पर प्रयोग होने वाले लुब्रिकेंट का ग्रेड एवं उनकी उचित मात्रा
Q.3. Service manual के कौन कौन से content होते हैं ?
Ans.
Q.4. Service Manual का प्रयोग क्यों करते हैं ?
या
सर्विस मैन्युअल का क्या महत्त्व है ?
Ans.
आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेन्ट दे सकते हैं |
- Index
- Page Number
- असेंबली का expanded(खुला हुआ) दृश्य
- Disassemble करने की sequence
- भागों की tolerance, size और gazes
- Serviceability
- भागों की उम्र (life span)
- Repair या replacement का निर्णय
- Assemble करने की विधि
- Working जांचने की विधि
Q.4. Service Manual का प्रयोग क्यों करते हैं ?
या
सर्विस मैन्युअल का क्या महत्त्व है ?
Ans.
- ऑटोमोबाइल में आजकल कई इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण(gadgets) होते हैं जो केवल निश्चित वोल्टेज, एम्पीयरेज़ पर कार्य करते हैं |
आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेन्ट दे सकते हैं |
2 Comments
Bilkul sahi h
ReplyDeleteVery good sirji
ReplyDelete