Retail Level02-U2-S2-List of various modes of transportation

 


Importance of Transportation in Retail (रीटेल मे ट्रॅन्स्पोर्टेशन का महत्व) :- रीटेल मे ट्रॅन्स्पोर्टेशन ने मॅन्युफॅक्चरर को रीटेलर और कस्टमर के करीब ला दिया है. रीटेल सेक्टर के तेज़ी से विकास का मुख्य कारण Fast & Efficient (तेज और कुशल) परिवहन है. रीटेल मे Transportation (परिवहन) का महत्व निम्न तरीकों से समझा जा सकता है. :-

 

  1. Large Scale Production ( बड़ी मात्रा मे उत्पादन) :- वस्तुओं का एक स्थान पर निर्माण होता है और दूसरे स्थान पर बिक्री. वस्तुओं का निर्माण बड़े स्तर पर होता है. ट्रांसपोर्ट फेसिलिटी के द्वारा ही वस्तुएँ Production area  से Selling Area तक पहुँचती है.
  2. Specialization of a Region (एक क्षेत्र की विशेषता) :- देश के विभिन्न क्षेत्रों मे अलग अलग विशिष्ता होती है. देश के विभिन्न हिस्सों से वस्तुएँ ट्रांसपोर्ट से ही दूसरी जगह पर पहुँचती है.
  3. Consumption of Goods ( वस्तुओं का उपभोग) :- ट्रॅन्स्पोर्टेशन ने वस्तुओं के उपभोग को बढ़ा दिया है. ग्राहक वे सब वस्तुएँ प्रयोग करते है जो उनके नज़दीक मिलती हैं बल्कि दूसरे स्थानो से वस्तुएँ मंगवा कर भी प्रयोग करते है.
  4. Price of goods (वस्तुओं की कीमत) :- जब आधुनिक और तेज ट्रॅन्स्पोर्टेशन उपलब्ध है तो वस्तुएँ वहाँ बनाई जाती है जहा उनकी निर्माण लागत कम हो तथा देश के सभी हिस्सों मे सप्लाइ की जाती हैं. इससे वास्तु की कीमत मे कमी होती है.
  5. Mobility of Production factors ( निर्माण संसाधनो का एक जगह से दूसरी जगह पहुँचना) :- विभिन्न संसाधनो का एक जगह से दूसरी जगह जाना ट्रॅन्स्पोर्टेशन से ही संभव है. जैसे- लेबर भी एक क्षेत्र से दूसरी जगह ट्रॅन्स्पोर्टेशन से ही पहुँचती है.

Elements/Modes of Retail Transportation (रिटेल ट्रांसपोर्टेशन के तत्व/ साधन):-

 

(1) Land – Railway & Road

(2) Water – Ships & Boats

(3) Air – Flights & Helicopters

What are the common modes of retail transportation? (खुदरा परिवहन के सामान्य साधन/तरीके क्या हैं?)

रिटेल ट्रांसपोर्टेशन के तीन तरीके हो सकते है जैसे Land, Water, और Air इत्यादि। इनका प्रयोग हम निम्न प्रकार से कर सकते है।  

  1. In case of Store Retailing (स्टोर रिटेलिंग के केस में) -  स्टोर रिटेलिंग के केस में ग्राहकों तक सामान पहुंचाने के लिए आमतौर (normally) पर Land तत्व  जैसे Train और Road Transportation के विभिन्न साधनो (different modes) का प्रयोग स्थिति (situation) के आधार पर किया जाता है। Road के साधन जैसे- Auto-rikshaws, Cycle-Rikshaws, Two-Wheeler, Four-Wheeler इत्यादि।  
  2. In case of Non-Store Retailing (नॉन-स्टोर रिटेलिंग के केस में) - नॉन-स्टोर रिटेलिंग के केस में ट्रांसपोर्टेशन के सभी प्रकार के तरीकों को अपनाया जा सकता है। यहाँ डाक विभाग की सेवाएं या कूरियर सेवाएं अपनाई जाती हैं। (Here postal department services or courier services are adopted). मुख्य उद्देश्यों (main objectives) के साथ जैसे कम से कम समय में और कम से कम  लागत पर ग्राहकों को सामान पहुंचाने के लिए डाक विभाग और कूरियर सेवाएं (postal department and courier services) दोनों ही ट्रांसपोर्टेशन के विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं।

 

What are the objectives of Retail Transport? (रिटेल परिवहन के उद्देश्य क्या हैं?)

रिटेल ट्रांसपोर्टेशन के निम्नलिखित उदेश्य है:-

● ग्राहक को कम समय में सामान पहुंचाने के लिए। (To deliver the goods to the customer in a short time.)

● एक पट्टा लागत पर माल देने के लिए। (To deliver the goods at a lease cost.)

● जितना संभव हो उतना लोडिंग और अनलोडिंग को कम करने के लिए। (To reduce loading and unloading as

   much as possible.)

● परिवहन के दौरान सुरक्षा उपायों में सुधार करना। (To improve safety measures during transporting.)

● परिवहन के लिए सभी कानूनी आवश्यकता को अपनाने के लिए। (c towards

   transportation.)

 

Which are the problems associated with Retail Transport? (रिटेल ट्रांसपोर्ट से जुड़ी समस्याएं कौन-2 सी हैं?)
बढ़ते जोखिम और अनिश्चितता (increasing risk and unpredictability) के सामने आपूर्ति श्रृंखला दक्षता (supply chain efficiency) को बनाए रखना।

  1. अप्रत्याशित या बेकाबू घटनाएं (unforeseen or uncontrollable events.) जैसे  प्राकृतिक आपदाएँ (Natural disasters), श्रमिकों की हड़ताल और कमी (Labour strike  and shortages), और आतंक (Terrorism) से इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार रुक जाता है।
  2. आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाना। (Heightened supply chain security.)
  3. इन्वेंटरी, सिक्योरिटी और कंजेस्चन (Congestion) जैसे ईंधन (fuel), ट्रैफिक (traffic), विलम्ब-शुल्क (demurrage), कंटेनर फीस (container fees) की लागत में वृद्धि (Increasing costs)।
  4. बॉर्डर क्रॉस करने के लिए रिटेल परिवहन का उपयोग करना बहुत जटिल (complex), ज्यादा समय लेने वाला (time consuming)  और, महंगा (costly) होता है। उदाहरण के लिए, रिटेल कंपनियों को विभिन्न अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कम से कम 12 अलग-अलग अनुमतियों (permissions ) की आवश्यकता होती है।
  5. सामानों के आयात और निर्यात के लिए (For import and export of goods) वितरण केंद्रों (distribution centers) पर भेजने से पहले ग्राहकों की मंजूरी (customer clearances) की आवश्यकता होती है।
  6. अलग-अलग देशों के व्यपारियों की सभी सूचनाओं का राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर अनुवाद करना आवश्यक है।

 

Which are the solutions to overcome problems in retail transportation? (रिटेल परिवहन में समस्याओं को दूर करने के लिए कौन से उपाय हैं?)

 

  1. Transportation cost  (परिवहन लागत) - यदि ट्रांसपोर्टेशन लागत बढ़ रही है तो उससे संबंधित समस्या का हल निम्न प्रकार से किया जा सकता है:-

● Use public transportation (पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का उपयोग करके)

● Car pool (कार पूल के द्वारा अर्थात बारी-बारी से अपने व्हीकल का उपयोग करना)

  1. Transportation Management (ट्रांसपोर्टेशन मैनेजमेंट) - यदि ट्रांसपोर्टेशन मैनेजमेंट सही नहीं है तब ग्राहक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो सकते और ना ही उपलब्ध साधनो का उपयोग उचित ढंग से किया जा सकत।  इसलिए ग्राहकों की संतुष्टि के लिए और उपलब्ध साधनो का उचित उपयोग करने के लिए सही ट्रांसपोर्टेशन मैनेजमेंट करना जरूरी होता है।

       मौसम की वजह से समान को खराब होने से बचाने के लिए उचित प्रबंध करना

       चोरी डकैती को कम करने के लिए Security System Update करना.

       GPS System (Locatio Based) - समय समय पर लोकेशन अपडेट करते रहना चाहिए, जिससे रिस्क न रहे.

       Speed Delivery के लिए उचित Transport का चुनाव करना चाहिए.

       Transportation System  मे नये Innovation होने चाहिए.

  1. Effective Coordination (प्रभावी समन्वय/तालमेल) - रिटेल ट्रांसपोर्टेशन में कई बार प्रभावी तालमेल की कमी होती है जिसके कारण ट्रांसपोर्टेशन लागत बढ़ जाती है। इसलिए इस कमी को दूर करने के लिए स्टाफ कर्मचारियों को आपस में, सप्लायर और रिसीवर को एक दूसरे के साथ सम्पर्क में रहना चाहिए।
  2. Mode of Retail Transportation (मोड ऑफ़ रिटेल ट्रांसपोर्टेशन) - रिटेल ट्रांसपोर्टेशन के गलत मोड के के चुनाव के कारण भी ट्रांसपोर्टेशन लागत बढ़ जाती है इसलिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर सही  ट्रांस्पोर्टेशन का चुनाव किया जाना चाहिए।

 

ट्रांसपोर्टेशन के साधनो का चुनाव करते समय कौन से बिंदुओं को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाता हैं?

 

ट्रांसपोर्टेशन के साधनो का चुनाव करते समय निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखा जाता हैं:-

● When distance between two points is small (जब दो बिंदुओं के बीच की दूरी छोटी हो):- यदि दूरी कम है

   और सड़क से अच्छी तरह से जुड़ी है, तो, आमतौर पर water और air मोड (water and air modes) पर विचार नहीं

  किया जाता है।

● When distance between two points is too high and weight of the goods is small (जब दो बिंदुओं

   के बीच की दूरी बहुत अधिक है और सामान का वजन कम है):- Road और Air के कॉम्बिनेशन का उपयोग किया जा

  सकता है। (A combination of road and air can be used)

When distance between two points is too high and weight of the goods is high (जब दो बिंदुओं

    के बीच की दूरी बहुत अधिक है और माल का वजन अधिक है:- Road और Water (जहाज) के कॉम्बिनेशन का

  उपयोग किया जा सकता है। (A combination of road and water (ship) can be used).

 

पानी और सड़क के कॉम्बिनेशन का उपयोग तब किया जाता है जब रोड कनेक्शन अच्छा नहीं होता है और नाव (boat)

   परिवहन का एक तरीका हो। (A combination of water and road is used when road connection is

  not good and boat is a mode of transportation.)

उपलब्ध सुविधा के आधार पर सड़क और ट्रेन के कॉम्बिनेशन का उपयोग किया जाता है। (A combination of road

    and train is used depending upon facility available for the same.)

Factors affecting modes of transportation (मोड ऑफ़ ट्रांसपोर्टेशन को प्रभावित करने वाले कारक)

 

मोड ऑफ़ ट्रांसपोर्टेशन को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है:-

● Cost of Service (सर्विस की लागत)

● Speed of Transport (ट्रांसपोर्टेशन की स्पीड)

● Flexibility (लचीलापन)

● Regularity of Service (सेवा की नियमितता)

● Safety (सुरक्षा)

● Nature of Commodity (कमोडिटी की प्रकृति)

 

 

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